बिना सिफारिश मिले नौकरी
बिन रिश्वत हो कम
अरे इसीको अन्होनी कहते है
इसीका कलजुग नाम
वतन का क्या होगा अंजाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
वतन का क्या होगा अंजाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
रिश्वत पल पल देते अफ़सर
छोटे हो या मोटे
बंद हुई ये रशम तो
धंधे हो जायेंगे खोटी रे
धंधे हो जायेंगे खोटी
घर घर में मातम होगा
दफ्तर दफ्तर कोहराम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
वतन का क्या होगा अंजाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
यही चला अगर ढंग तो यारो
होंगे बुरे नतीजे
भूखे मरेंगे नेताओं के बेटे और भतीजे
मरेंगे बेटे और भतीजे
जितनी इज्जत बनी थी अब तक
सब होगी नीलाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
वतन का क्या होगा अंजाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
रिश्वत से मुँह बंद थे सबके अब फूटेंगे भांडे
अरे पता चलेगा किसके किस्से मिले हुए थे डाँडे
कौन सा ठेका लेकर किसने कितना माल बनाया
कितनी उजरत दी लोगो को कितना दिल दखलाया
कौन सी फाइल किस दफ्तर से कैसे होंगी चोरी
किसने कितनी गद्दारी की कितनी भरी तिजोरी
किस मिल मालिक के पैसे ने कितने वोट कमाये
अरे कुर्सी मिली तो देश भकत ने कितने नोट कमाएं
रिश्वत से ही छुपे हुए थे सब काले करतूत
नंगे होकर सामने आएंगे
अब सभी सपूत
दुनिया भर के मुल्कों में
होगा भारत बदनाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम
वतन का क्या होगा अंजाम
बचा ले ऐ मौला ऐ राम