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Mohammed Rafi - Chale Aa Rahe Hain Woh Zulfen Bikhre Lyrics



Mohammed Rafi - Chale Aa Rahe Hain Woh Zulfen Bikhre Lyrics
Official




हम्म हम्म हम्म हम्म
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
उजाले से लिपटे हुए हैं अंधेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
झुकी सी वो उनकी हया-बार आँखें
झुकी सी वो उनकी हया-बार आँखें
वो पलकों के साए घनेरे घनेरे
वो पलकों के साए घनेरे घनेरे
आ आ आ आ आ आ
कभी हो तो जाए
आ आ कभी हो तो जाए
मेरे घर चराग
कभी आ तो जाओ अंधेरे अंधेरे
कभी आ तो जाओ अंधेरे अंधेरे
अगर हो सके इनको अपना बना ले
अगर हो सके इनको अपना बना ले
ये पूर-कैफ़ लम्हे ना तेरे ना मेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
उजाले से लिपटे हुए हैं अंधेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
चले आ रहे हैं
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हम्म हम्म हम्म हम्म
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
उजाले से लिपटे हुए हैं अंधेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
झुकी सी वो उनकी हया-बार आँखें
झुकी सी वो उनकी हया-बार आँखें
वो पलकों के साए घनेरे घनेरे
वो पलकों के साए घनेरे घनेरे
आ आ आ आ आ आ
कभी हो तो जाए
आ आ कभी हो तो जाए
मेरे घर चराग
कभी आ तो जाओ अंधेरे अंधेरे
कभी आ तो जाओ अंधेरे अंधेरे
अगर हो सके इनको अपना बना ले
अगर हो सके इनको अपना बना ले
ये पूर-कैफ़ लम्हे ना तेरे ना मेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
उजाले से लिपटे हुए हैं अंधेरे
चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे
चले आ रहे हैं
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Writer: K. MOHINDER SINGH BEDI, MOHD. RAFI, K. Mohinder Singh Bedi
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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