दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे
दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे
आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे
दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे
आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे
पाया है दुश्मन को जब से प्यार के क़ाबिल
तब से ये आलम है रस्ता याद न मंज़िल
नींद में जैसे चलता है कोई चलना यूँ ही आँखें मींचे
दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे
आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे
हमने भी रख दी हैं कल पे कल की बातें
हमने भी रख दी हैं कल पे कल की बातें
जीवन का हासिल हैं पल दो पल की बातें
दो ही घड़ी का साथ रहेगा करना क्या है तनहा जी के
दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे
आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे
दीवाना मुझ सा नहीं इस अम्बर के नीचे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म