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Ek Hi Baat Zamane Ki Kitabon Mein Nahi Video (MV)






Mohammed Rafi - Ek Hi Baat Zamane Ki Kitabon Mein Nahi Lyrics
Official




हम्म एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं
एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं
जो ग़म-ए-दोस्त मे नशा हैं शराबों में नहीं
एक ही बात

हुस्न की भीख ना माँगेंगे ना जलवों की कभी
हुस्न की भीख ना माँगेंगे ना जलवों की कभी
हम फकीरों से मिलो खुल के हिजाबों मे नहीं
हम फकीरों से मिलो खुल के हिजाबों मे नहीं
एक ही बात

हर जगह फिरते हैं आवारा ख़यालों की तरह
हर जगह फिरते हैं आवारा ख़यालों की तरह
ये अलग बात हैं हम आपके ज़्वाबों में नहीं
ये अलग बात हैं हम आपके ख़्वाबों में नहीं
एक ही बात

ना डुबो साग़र-ओ-मीना में ये ग़म ऐ फ़ाक़िर
ना डुबो साग़र-ओ-मीना मे ये ग़म ऐ फ़ाक़िर
के मक़ाम इनका दिलों में हैं शराबों में नहीं
के मक़ाम इनका दिलों में हैं शराब में नहीं
एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं
एक ही बात
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हम्म एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं
एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं
जो ग़म-ए-दोस्त मे नशा हैं शराबों में नहीं
एक ही बात

हुस्न की भीख ना माँगेंगे ना जलवों की कभी
हुस्न की भीख ना माँगेंगे ना जलवों की कभी
हम फकीरों से मिलो खुल के हिजाबों मे नहीं
हम फकीरों से मिलो खुल के हिजाबों मे नहीं
एक ही बात

हर जगह फिरते हैं आवारा ख़यालों की तरह
हर जगह फिरते हैं आवारा ख़यालों की तरह
ये अलग बात हैं हम आपके ज़्वाबों में नहीं
ये अलग बात हैं हम आपके ख़्वाबों में नहीं
एक ही बात

ना डुबो साग़र-ओ-मीना में ये ग़म ऐ फ़ाक़िर
ना डुबो साग़र-ओ-मीना मे ये ग़म ऐ फ़ाक़िर
के मक़ाम इनका दिलों में हैं शराबों में नहीं
के मक़ाम इनका दिलों में हैं शराब में नहीं
एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं
एक ही बात
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Writer: SUDARSHAN FAAKIR, TAJ AHMED KHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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