जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में
जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में
कभी न कभी तो टकराएगा
दिल दिल से इन्ही आबादियों में
जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में
यह किसकी लगन मंज़िल मंज़िल
हर रोज मुझे ले जाती है
यह किसकी तमन्ना सीने में
जो आस के दीप जलाती है
जो आस के दीप जलाती है
हो जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में
कभी न कभी तो टकराएगा
दिल दिल से इन्ही आबादियों में
झरने में नहाती जलपरियां क्यों
जाने मुझे ललचाती हैं
जंगल की कंवरी कलियाँ भी
हंस हंस के क़यामत ढाती हैं
हंस हंस के क़यामत ढाती हैं
हो जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में
कभी न कभी तो टकराएगा
दिल दिल से इन्ही आबादियों में
जब देखे बिना मदहोश हु मैं
देखूँगा उसे तो क्या होगा
क्या नूर भरी सूरत होगी
क्या प्यार भरा जलवा होगा
क्या प्यार भरा जलवा होगा
हो जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में
कभी न कभी तो टकराएगा
दिल दिल से इन्ही आबादियों में
हो जाने मेरा दिल किसे ढूंढ रहा है
इन हरी भरी वादियों में