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Mohammed Rafi - Jata Hoon Main Mujhe Ab Na Bulana Lyrics



Mohammed Rafi - Jata Hoon Main Mujhe Ab Na Bulana Lyrics
Official




जाता हूँ मैं मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं

प्यासा था बचपन जवानी भी मेरी प्यासी
पीछे ग़मो की गली आगे उदासी
प्यासा था बचपन जवानी भी मेरी प्यासी
पीछे ग़मो की गली आगे उदासी
हो मैं तन्हाई का रही कोई अपना न बेगाना
मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना

मुझको हंसी भी मिली साये लिए दुःख के
खुल के न रोया किसी कंधे पे झुक के
मुझको हंसी भी मिली साये लिए दुःख के
खुल के न रोया किसी कंधे पे झुक के
हो मेरा जीवन भी क्या है
अधूरा सा एक अफसाना
मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं

था प्यार का इक दिया वो भी बुझा डाला
धुंधला सा भी कही क्यों हो उजाला
था प्यार का इक दिया वो भी बुझा डाला
धुंधला सा भी कही क्यों हो उजाला
हो अब उन यादो से कह दो
मेरी दुनिया में न आना
मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना
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जाता हूँ मैं मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं

प्यासा था बचपन जवानी भी मेरी प्यासी
पीछे ग़मो की गली आगे उदासी
प्यासा था बचपन जवानी भी मेरी प्यासी
पीछे ग़मो की गली आगे उदासी
हो मैं तन्हाई का रही कोई अपना न बेगाना
मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना

मुझको हंसी भी मिली साये लिए दुःख के
खुल के न रोया किसी कंधे पे झुक के
मुझको हंसी भी मिली साये लिए दुःख के
खुल के न रोया किसी कंधे पे झुक के
हो मेरा जीवन भी क्या है
अधूरा सा एक अफसाना
मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना
जाता हूँ मैं

था प्यार का इक दिया वो भी बुझा डाला
धुंधला सा भी कही क्यों हो उजाला
था प्यार का इक दिया वो भी बुझा डाला
धुंधला सा भी कही क्यों हो उजाला
हो अब उन यादो से कह दो
मेरी दुनिया में न आना
मुझे अब न बुलाना
मेरी याद भी अपने दिल में न लाना
मेरा है क्या मेरी मंज़िल न कोई ठिकाना
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Writer: Majrooh Sultanpuri, Roshan
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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