कब तक तू भगवन से अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा
कब तक तू भगवन से अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा
जो सागर के अन्दर सीपी दीप छुपाये मोती
देख रही है सबकुछ लोगो उस मालिक की ज्योति
जो सागर के अन्दर सीपी दीप छुपाये मोती
देख रही है सबकुछ लोगो उस मालिक की ज्योति
अरे उस मालिक की ज्योति
जग के भेदी क्या बन्दे से धोखा खाएगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
कब तक तू भगवन से तू अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा
जिसकी मर्जी बिन ओ मूर्ख हिल न पाये तिनका
लेख लिखा है पास उसी के तेरे एक एक दिन का
जिसकी मर्जी बिन ओ मूर्ख हिल न पाये तिनका
लेख लिखा है पास उसी के तेरे एक एक दिन का
तेरे एक एक दिन का
कहा तू उसकी नजरो से बच के जाएगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
कब तक तू भगवन से तू अपना आप छुपायेगा
तेरा लिखा एक दिन तेरे सामने आएगा
सामने आएगा