कभी खुद पे
कभी खुद पे कभी हालत पे रोना आया
कभी खुद पे
कभी खुद पे कभी हालत पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना
हम तो समझे थे की हम भूल गये है उनको
हम तो समझे थे
हम तो समझे थे की हम भूल गये है उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
कभी खुद पे कभी हालत पे रोना
किसलिए जीते है हम
किसलिए जीते है हम
किसके लिए जीते है
बारहा ऐसे सावालात पे रोना आया
बारहा ऐसे सावालात पे रोना आया
कभी खुद पे
कौन रोता है किसी और की खातिर आई दोस्त
कौन रोता है किसी और की खातिर आई दोस्त
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया
कभी खुद पे
कभी खुद पे कभी हालत पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
कभी खुद पे