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Mohammed Rafi - Khamosh Zindagi Ko Awaz De Rahe Ho Lyrics



Mohammed Rafi - Khamosh Zindagi Ko Awaz De Rahe Ho Lyrics
Official




खामोश ज़िंदगी को आवाज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को आवाज़ दे रहे हो
टूटे हुए हाथों में क्यूँ साज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को

बेनूर मेरी आँखें और दूर का सफर है
बेनूर मेरी आँखें और दूर का सफर है
उठते हैं पाऊं लेकिन गिर जाने का भी डर है
पर काट के किसी के परवाज़ दे रहे हो
टूटे हुए हाथो में क्यों साज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को

आँखों से बहता दरिया होंठों पे आह लेकर
आँखों से बहता दरिया होंठों पे आह लेकर
साहिल पे हम खड़े हैं साहिल की चाह लेकर
बर्बाद ए मोहब्बत को नए अंदाज़ दे रहे हो
टूटे हुए हाथो में क्यों साज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को
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खामोश ज़िंदगी को आवाज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को आवाज़ दे रहे हो
टूटे हुए हाथों में क्यूँ साज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को

बेनूर मेरी आँखें और दूर का सफर है
बेनूर मेरी आँखें और दूर का सफर है
उठते हैं पाऊं लेकिन गिर जाने का भी डर है
पर काट के किसी के परवाज़ दे रहे हो
टूटे हुए हाथो में क्यों साज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को

आँखों से बहता दरिया होंठों पे आह लेकर
आँखों से बहता दरिया होंठों पे आह लेकर
साहिल पे हम खड़े हैं साहिल की चाह लेकर
बर्बाद ए मोहब्बत को नए अंदाज़ दे रहे हो
टूटे हुए हाथो में क्यों साज़ दे रहे हो
खामोश ज़िंदगी को
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Writer: Laxmikant Pyarelal, Shiv Kumar Saroj
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Mohammed Rafi - Khamosh Zindagi Ko Awaz De Rahe Ho Video
(Show video at the top of the page)

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