खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से
मुस्सबीर खुद परेशान है के यह तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा कभी खुश हो रहा होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से
जमाने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों में लपेटा है
हुवा तुमसा कोई पहले ना कोई दूसरा होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से
फरिश्ते भी यहा रातों को आ कर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव
जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पह क्या गुज़री यह वोही जानता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीन पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
खुदा भी आसमान से