किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
जहाँ पे ज़मीं आसमां छू रही है
वही जा रहा हु वहा जा रहा हु
वही जा रहा हु वहा जा रहा हु
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
कई बार देखी है सिंदूरी शाम
कई बार देखी है सिंदूरी शाम
उफत से परे जगमगाती हुई
कई बार खामोशियो में सुना है
गुजरती है मुझको बुलाती हुई
गुजरती है मुझको बुलाती हुई
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा
बहुत बार सोचा ये सिन्दूरी रोगं
बहुत बार सोचा ये सिन्दूरी रोगं
जहाँ पे खड़ा हूँ वही पे बिछा दू
ये सूरज के झर्रे ज़मी पे मिले तो
एक और आसमा मैं ज़मीं पे बिछा दू
एक और आसमा मैं ज़मीं पे बिछा दू
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
जहाँ पे मिले वो जहा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
मई लाने वही आसमा जा रहा हु
किसी आसमा पे तो साहिल मिलेगा