हो हो हो हो
कोई फूल न खिलता ये कली भी न होती
ज़िन्दगी भी न होती अगर तू न होती
कोई फूल न खिलता ये कली भी न होती
ज़िन्दगी भी न होती अगर तू न होती
न होता उजाला और ये रात भी न होती
कोई बात ही न होती अगर तू न होती
कोई फूल न खिलता
कोई ज़मीन न होती और आस्मा न होता
कोई ज़मीन न होती और आस्मा न होता
कोई हसीन न होता कोई जवा न होता
न तारे मुस्कुराते ये नज़ारे बिखर जाते
कोई ख़ुशी न होती अगर तू न होती
कोई फूल न खिलता
न कोई प्यार होता ना इंतज़ार होता
न कोई प्यार होता ना इंतज़ार होता
न कोई दिल मचलता न बेक़रार होता
पूछे जो कोई हमसे ये सब है तेरे दम से
कोई भी शय न होती अगर तू न होती
कोई फूल न खिलता ये कली भी न होती
ज़िन्दगी भी न होती अगर तू न होती
ज़िन्दगी भी न होती अगर तू न होती