क्या अजब साज है ये शहनाई
दो ही सुर का ये खेल सारा है
क्या अजब साज है ये शहनाई
दो ही सुर का ये खेल सारा है
एक सुर जिंदगी का साहिल है
दूसरा मौत का किनारा है
एक सुर जिंदगी का साहिल है
दूसरा मौत का किनारा है
क्या अजब साज है ये शहनाई
दो ही सुर का ये खेल सारा है
ये बजे तो हयास की महफ़िल
तोरे बदन पे आके झम जाये
जिंदगी एक ख्वाब हो जाये
ये अगर बजते बजते थम जाये
ये चाँद कभी चाँद चौदहवीं का है
और कभी सुबाह का सितारा
ये चाँद कभी चाँद चौदहवीं का है
और कभी सुबाह का सितारा
क्या अजब साज है ये सहनाई
दो ही सुर का ये खेल सारा है
आह और वाह क्या ये संगम है
सुर और साज की ये जवानी है
आह और वाह क्या ये संगम है
सुर और साज की ये जवानी है
है अगर ये शबाब का ये किस्सा
एक बेवा भी कहानी है
कह को होता है आबशार नहीं
आंसुओ का भी एक धारा है
कह को होता है आबशार नहीं
आंसुओ का भी एक धारा है
क्या अजब साज है ये शहनाई
दो ही सुर का ये खेल सारा है