मैं वोही वोही बात
मैं वोही वोही बात मेरे लिए तो हर दिन
नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वोही बात मैं वोही
अच्छी या ख़राब पीली जैसी मिली शराब पीली
साकी नया है जाम पुराना (आ आ)
साकी नया है जाम पुराना (आ आ)
रंग नया है नाम पुराना नाम पुराना (आ आ)
सुबह हो या शाम मुझे मस्ती से काम
क्यों की हर दिन नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वोही बात मैं वोही
रु रु रु रु रु
अपना ही लहू पी रहा हु
मरने के लिए जी रहा हु
दिल अपना है ग़म अपने है (आ आ आ)
दिल अपना है ग़म अपने है (आ आ आ)
दुनिया पराई हम अपने है हम अपने है (आ आ)
मुझे आये न करार मै रहु बेक़रार
क्योंकि हर दिन नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वोही बात