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Mohammed Rafi - Matlab Nikal Gaya Hai To Lyrics



Mohammed Rafi - Matlab Nikal Gaya Hai To Lyrics
Official




मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं, हाय
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

अपनी गरज थी जब तो लिपटना क़ुबूल था
अपनी गरज थी जब तो लिपटना क़ुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना क़ुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना क़ुबूल था, हाय
अब हम मना रहे हैं मगर हा हा मानते नहीं
अब हम मना रहे हैं मगर मानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं

हमने तुम्हें पसंद किया, क्या बुरा किया
हमने तुम्हें पसंद किया, क्या बुरा किया
रुतबा ही कुछ बलंद किया, क्या बुरा किया
अरे, रुतबा ही कुछ बलंद किया, क्या बुरा किया हाय
हर एक गली की ख़ाक तो हम छानते नहीं
हर एक गली की ख़ाक तो हम छानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं, जैसे हमें जानते नहीं

मुँह फेरकर ना जाओ हमारे क़रीब से
मुँह फेरकर ना जाओ हमारे क़रीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से, हाय
इस तरह आशिक़ों पे कमाँ तानते नहीं
इस तरह आशिक़ों पे कमाँ तानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं, जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
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मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं, हाय
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

अपनी गरज थी जब तो लिपटना क़ुबूल था
अपनी गरज थी जब तो लिपटना क़ुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना क़ुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना क़ुबूल था, हाय
अब हम मना रहे हैं मगर हा हा मानते नहीं
अब हम मना रहे हैं मगर मानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं

हमने तुम्हें पसंद किया, क्या बुरा किया
हमने तुम्हें पसंद किया, क्या बुरा किया
रुतबा ही कुछ बलंद किया, क्या बुरा किया
अरे, रुतबा ही कुछ बलंद किया, क्या बुरा किया हाय
हर एक गली की ख़ाक तो हम छानते नहीं
हर एक गली की ख़ाक तो हम छानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं, जैसे हमें जानते नहीं

मुँह फेरकर ना जाओ हमारे क़रीब से
मुँह फेरकर ना जाओ हमारे क़रीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से, हाय
इस तरह आशिक़ों पे कमाँ तानते नहीं
इस तरह आशिक़ों पे कमाँ तानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं, जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Ravi, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Mohammed Rafi - Matlab Nikal Gaya Hai To Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mohammed Rafi
Length: 5:53
Written by: Ravi, Sahir Ludhianvi

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