मेरा तो जो भी कदम हैं
वो तेरी राह में हैं
मेरा तो जो भी कदम हैं
वो तेरी राह में हैं
के तू कही भी
के तू कही भी रहे
तू मेरी निगाह में हैं
मेरा तो जो भी कदम हैं
वो तेरी राह में हैं
के तू कही भी रहे
तू मेरी निगाह में हैं
खरा हैं दर्द का रिश्ता
तो फिर जुदाई क्या
खरा हैं दर्द का रिश्ता
तो फिर जुदाई क्या
जुदा तो होते हैं वो
खोट जिनके चाह में हैं
मेरा तो जो भी कदम हैं
वो तेरी राह में हैं
के तू कही भी रहे
तू मेरी निगाह में हैं
छुपा हुवा था मुझि में
हैं कही ए दोस्त
छुपा हुवा सा मुझि में
हैं तू कही ए दोस्त
मेरी हसीं में नहीं हैं
तो मेरी आह में हैं
मेरा तो जो भी कदम हैं
वो तेरी राह में हैं
के तू कही भी
के तू कही भी रहे
तू मेरी निगाह में हैं
मेरा तो जो भी कदम हैं
वो तेरी राह में हैं
के तू कही भी रहे
तू मेरी निगाह में हैं