मेरे दिल से सिटमगर तूने अच्छी दिल्लगी की है
के बनके दोस्त अपने दोस्तों से दुश्मनी की है
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मुझे गम देने वाले तू खुशी को तरसे
मेरे दुश्मन
तू फूल बने पतझड़ का
तुझपे बाहर ना आए कभी
मेरी ही तरह तू तडपे
तुझको करार ना आए कभी
तुझको करार ना आए कभी
जिए तू इस तरह के ज़िंदगी को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मेरे दुश्मन
इतना तो असर कर जायें
मेरी वफ़ायें ओ बेवफा
इक रोज़ तुझे याद आयें
अपनी जफायें ओ बेवफा
अपनी जफायें ओ बेवफा
पशेमा होके रोए तू हँसी को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मेरे दुश्मन
तेरे गुलशन से ज़्यादा वीरान कोई वीरना ना हो
इस दुनिया में कोई तेरा अपना तो क्या बेगाना ना हो
अपना तो क्या बेगाना ना हो
किसी का प्यार क्या तू बेरुकी को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मुझे गम देने वाले तू खुशी को तरसे
मेरे दुश्मन