तसव्वुर रात की महफ़िल सजा रहा हूँ मैं
वो कौन है जिसे अपना बना रहा हूँ मैं
एक इन्क़लाब सा जेरे नकाब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
जमी पे चलता हुआ महताब देखा है
जमी पे चलता हुआ महताब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
झुकी झुकी सी वो आँखे हसीं कँवल जैसे
छुपा छुपा सा तबस्सुम कोई गजल जैसे
नज़र नज़र है चमन वो शबाब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
जमी पे चलता हुआ महताब देखा है
उलझ रही थी जवानी कई सवालो में
मिले जो वो तो हुई रौशनी खयालों में
हर एक सवाल का आपने जवाब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है
जमी पे चलता हुआ महताब देखा है
जमी पे चलता हुआ महताब देखा है
मेरी निगाह ने हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म