मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो
मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो
मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो
पग पग ठोकर खाऊं
बोलो अकेला मै कित जाऊ
काहे न तुम से आँख लगाऊ
तुम लाखों के सहारे हो
मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो
मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो
देख भटकता मेरे कदम को
दोष न दे अब भगवान तुमको
देख भटकता मेरे कदम को
दोष न दे अब भगवान तुमको
तुम तो देख रहे हो हमको
तुम तो साथ हमारे हो
मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो
मोहन में एक भटका राही
तुम पथ के उजियारे हो