पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
दुनिया का ये मेला फिर भी मैं अकेला
आँधी में जैसे चिराग
कैसे है यह उलझन के जितना सुलझाए जितना मन
उतना ही उलझे दिमाग़
कातिल तो बुखा मारे कातिल जो चाहे करे
कैसा है मज़ाल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
जल में धोबी प्यासा
जब देखा यह तंशा
तब जाके समझा मैं बात
जब तक खुद ना चाहे
नही ढूंदे हम रहे
देता नही कोई साथ
मतलब का है यह जहाँ
इंसान है ऐसे यहा बोले दिन को रत
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल