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Pagdi Sambhal Jatta Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:32
Written by: PREM DHAWAN




Mohammed Rafi - Pagdi Sambhal Jatta Lyrics
Official




पगड़ी सम्भाल ओय ऐऐऐऐ
पगड़ी सम्भाल ओय ऐऐऐऐ
आआआआ
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल तेरा
लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा

तू धरती की माँग सँवारे सोये खेत जगाये
तू धरती की माँग सँवारे सोये खेत जगाये
सारे जग का पेट भरे तू अन्नदाता कहलाये
फिर क्यों भूख तुझे खाती है
फिर क्यों भूख तुझे खाती है और तू भूख को खाये
लुट गया माल तेरा लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा

देके अपना खून पसीना तूने फ़सल उगायी
देके अपना खून पसीना तूने फ़सल उगायी
आँधी देखी तूफ़ाँ झेले बिपदा सभी उठायी
फ़सल पकी तो ले गये ज़ालिम
फ़सल पकी तो ले गये ज़ालिम तेरी नेक कमायी
लुट गया माल तेरा लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा

उठ और उठ के खाक़ से ज़र्रे एक सितारा बन जा
उठ और उठ के खाक़ से ज़र्रे एक सितारा बन जा
बुझा बुझा क्यों दिल है तेरा इक अंगारा बन जा
ओ सदियों के ठहरे पानी
ओ सदियों के ठहरे पानी बहती धारा बन जा
लुट गया माल तेरा लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
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पगड़ी सम्भाल ओय ऐऐऐऐ
पगड़ी सम्भाल ओय ऐऐऐऐ
आआआआ
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल तेरा
लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा

तू धरती की माँग सँवारे सोये खेत जगाये
तू धरती की माँग सँवारे सोये खेत जगाये
सारे जग का पेट भरे तू अन्नदाता कहलाये
फिर क्यों भूख तुझे खाती है
फिर क्यों भूख तुझे खाती है और तू भूख को खाये
लुट गया माल तेरा लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा

देके अपना खून पसीना तूने फ़सल उगायी
देके अपना खून पसीना तूने फ़सल उगायी
आँधी देखी तूफ़ाँ झेले बिपदा सभी उठायी
फ़सल पकी तो ले गये ज़ालिम
फ़सल पकी तो ले गये ज़ालिम तेरी नेक कमायी
लुट गया माल तेरा लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा

उठ और उठ के खाक़ से ज़र्रे एक सितारा बन जा
उठ और उठ के खाक़ से ज़र्रे एक सितारा बन जा
बुझा बुझा क्यों दिल है तेरा इक अंगारा बन जा
ओ सदियों के ठहरे पानी
ओ सदियों के ठहरे पानी बहती धारा बन जा
लुट गया माल तेरा लुट गया माल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
पगड़ी सम्भाल ओय
पगड़ी सम्भाल जट्टा
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Writer: PREM DHAWAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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