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Mohammed Rafi - Sakhi Sarkar Hai Trei Lyrics



Mohammed Rafi - Sakhi Sarkar Hai Trei Lyrics
Official




[ Featuring Party, Bande Hasan ]

हां आ आ
कहाँ जाएँ तेरी महफ़िल से उठ कर
तेरे मतवाले हाँ आ आ आ आ
हमारी लाज रख ले अब तो
ऐ दुनिया के रखवाले
आ आ आ आ आ आ आ आ
निगाहें फेर लीं सब ने
लूटे हैं आस के डेरे
सुनेगा कौन अपनी दास्तां-इ-ग़म
सिवा तेरे हाँ ह आ आ आ
आये हैं किसी उम्मीद पे हम

आये है किसी उम्मीद पे हम
आये है किसी उम्मीद पे हम

जब तू है हमारा फिर क्या ग़म

जब तू है हमारा फिर क्या ग़म
जब तू है हमारा फिर क्या ग़म

आए हाँ हाँ हआ हआ हआ
वो बात भला क्या बिगड़ेगी
वो बात भला क्या बिगड़ेगी
जो बात यहां तक आ पहूंची

जी जो बात यहां तक आ पहूंची
जो बात यहां तक आ पहूंची

सा रे गा मा पा
गा मा पा धा नि सा
प् ध सा रे गा मा प् सा
ग रे सा नि ध प म ग रे सा प् म ग रे सा
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ

जो बात यहां तक आ पहूंची
जी जो बात यहां तक आ पहूंची

शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे

हा हा आ आ आ आ आ
सखि सरकार है तेरी
गरीबों का तू दाता है
तेरे दर पर जो आता है
वो कुछ ले कर ही जाता है
हा आ आ आ आ आ
आ आ आ आ
आआ आआ
जो तू चाहे तो घर उजड़ा हुआ
आबाद हो जाए
कोई मजबूर ग़म की क़ैद से
आज़ाद हो जाए हाँ
सजदे में है सर
तुझ पर है नज़र
शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे जी

शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे

हाँ आए
दुनिया के मालिक देख ज़रा
दीवाने यहाँ तक आ पहुंचे

जी दीवाने यहाँ तक आ पहुंचे

ओ दीवाने दीवाने दीवाने हो हो हो

दीवाने यहाँ तक आ पहुंचे

शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे

आ आआ आआ आआआ
भटकती फिर रही थी आरज़ुएँ
ग़म की राहों में हे हे हाँ आ
एक याक तेरी सूरत फिर गयी
मेरी निगाहों में ऐ ऐ ऐ
आ आ अअअअअ आ
दुआओं को बहा लाया
जहां का तीर बनती है
सूना यह है तेरे दरबार में तक़दीर बनती है
जलता है बदन तपता है जिगर

हाँ जलता है बदन तपता है जिगर

अरे अब तो करम ले अब तो खबर

अरे अब तो करम ले अब तो खबर आए

हाँ हाँ आआ हाँ
चिलमन से निकल कर देख ज़रा
परवाने कहाँ तक आ पहुंचे

जी परवाने कहाँ तक आ पहुंचे

ओ परवाने परवाने परवाने हो हो हो हो

परवाने कहाँ तक आ पहुंचे
शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे
[ Correct these Lyrics ]

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हां आ आ
कहाँ जाएँ तेरी महफ़िल से उठ कर
तेरे मतवाले हाँ आ आ आ आ
हमारी लाज रख ले अब तो
ऐ दुनिया के रखवाले
आ आ आ आ आ आ आ आ
निगाहें फेर लीं सब ने
लूटे हैं आस के डेरे
सुनेगा कौन अपनी दास्तां-इ-ग़म
सिवा तेरे हाँ ह आ आ आ
आये हैं किसी उम्मीद पे हम

आये है किसी उम्मीद पे हम
आये है किसी उम्मीद पे हम

जब तू है हमारा फिर क्या ग़म

जब तू है हमारा फिर क्या ग़म
जब तू है हमारा फिर क्या ग़म

आए हाँ हाँ हआ हआ हआ
वो बात भला क्या बिगड़ेगी
वो बात भला क्या बिगड़ेगी
जो बात यहां तक आ पहूंची

जी जो बात यहां तक आ पहूंची
जो बात यहां तक आ पहूंची

सा रे गा मा पा
गा मा पा धा नि सा
प् ध सा रे गा मा प् सा
ग रे सा नि ध प म ग रे सा प् म ग रे सा
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ

जो बात यहां तक आ पहूंची
जी जो बात यहां तक आ पहूंची

शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे

हा हा आ आ आ आ आ
सखि सरकार है तेरी
गरीबों का तू दाता है
तेरे दर पर जो आता है
वो कुछ ले कर ही जाता है
हा आ आ आ आ आ
आ आ आ आ
आआ आआ
जो तू चाहे तो घर उजड़ा हुआ
आबाद हो जाए
कोई मजबूर ग़म की क़ैद से
आज़ाद हो जाए हाँ
सजदे में है सर
तुझ पर है नज़र
शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे जी

शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे

हाँ आए
दुनिया के मालिक देख ज़रा
दीवाने यहाँ तक आ पहुंचे

जी दीवाने यहाँ तक आ पहुंचे

ओ दीवाने दीवाने दीवाने हो हो हो

दीवाने यहाँ तक आ पहुंचे

शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे

आ आआ आआ आआआ
भटकती फिर रही थी आरज़ुएँ
ग़म की राहों में हे हे हाँ आ
एक याक तेरी सूरत फिर गयी
मेरी निगाहों में ऐ ऐ ऐ
आ आ अअअअअ आ
दुआओं को बहा लाया
जहां का तीर बनती है
सूना यह है तेरे दरबार में तक़दीर बनती है
जलता है बदन तपता है जिगर

हाँ जलता है बदन तपता है जिगर

अरे अब तो करम ले अब तो खबर

अरे अब तो करम ले अब तो खबर आए

हाँ हाँ आआ हाँ
चिलमन से निकल कर देख ज़रा
परवाने कहाँ तक आ पहुंचे

जी परवाने कहाँ तक आ पहुंचे

ओ परवाने परवाने परवाने हो हो हो हो

परवाने कहाँ तक आ पहुंचे
शिकवे भी ज़बान तक आ पहुंचे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: GHULAM MUHAMMED, SHAKEEL BADAYUNI
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Mohammed Rafi - Sakhi Sarkar Hai Trei Video
(Show video at the top of the page)

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