सच्ची तुम्हरी प्रीत हो राम
जग का प्यार है झूठा
कर दे सीता को बदनाम
ये संसार है झूठा
ये बेदाग़ को दाग़ लगाये
गंगा जल को मदिरा बनाये
अमृत का विश रख दे नाम
ये संसार है झूठा
सच्ची तुम्हारी प्रीत हो राम
जग का प्यार है झूठा
ये दुनिया क्या देंगी सहारा
तू ही माँझी तू ही किनारा
तू ही मन का मीत हो राम
जग का प्यार है झूठा
कर दे सीता को बदनाम
ये संसार है झूठा
अंगारों पे चलना पड़ेगा
हर सीता को जलना पड़ेगा
ये है जग की रीत हो राम
जग का प्यार है झूठा
सच्ची तुम्हरी प्रीत हो राम
जग का प्यार है झूठा