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Mohammed Rafi - Sau Baar Banakar Malik Ne Lyrics



Mohammed Rafi - Sau Baar Banakar Malik Ne Lyrics
Official




सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

कई लाल तराशे होंगे तब होंठ बनाए होंगे
कई लाल तराशे होंगे तब होंठ बनाए होंगे
दातों की जगेह पे मोती चुन चुन के लगाए होंगे
ज़ूलफे काली करने को बदली को जलाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

सागर के सुनेहरे सीपी पल्कों पे सजाए होंगे
सागर के सुनेहरे सीपी पल्कों पे सजाए होंगे
दो नीलकमल नीलम सी आँखो मे खिलाए होंगे
अंगो मे चमक देने को चंदा को गलाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
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सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

कई लाल तराशे होंगे तब होंठ बनाए होंगे
कई लाल तराशे होंगे तब होंठ बनाए होंगे
दातों की जगेह पे मोती चुन चुन के लगाए होंगे
ज़ूलफे काली करने को बदली को जलाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा

सागर के सुनेहरे सीपी पल्कों पे सजाए होंगे
सागर के सुनेहरे सीपी पल्कों पे सजाए होंगे
दो नीलकमल नीलम सी आँखो मे खिलाए होंगे
अंगो मे चमक देने को चंदा को गलाया होगा
ये हुस्न मुज्जसिम तब तेरा इस रंग पे आया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
सौ बार बनाकर मालिक ने सौ बार मिटाया होगा
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Writer: Yogesh, Kamal Joshi, Usha Khanna
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Mohammed Rafi - Sau Baar Banakar Malik Ne Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:05
Written by: Yogesh, Kamal Joshi, Usha Khanna
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