सुर बदले कैसे-कैसे देखो क़िस्मत की शहनाई
सुर बदले कैसे-कैसे देखो क़िस्मत की शहनाई
हाथ में आया ना हाथ पिया का काहे को मेंहदी रचाई
सुर बदले कैसे-कैसे देखो क़िस्मत की शहनाई
बिखर गईं सेहरे की कलियाँ हार सिंगार भी पड़ गया फीका
बिखर गईं सेहरे की कलियाँ हार सिंगार भी पड़ गया फीका
घूँघट ही की ओट से पाया चार घड़ी बस दर्शन पी का
टूट गए सब सुन्दर सपने रात मिलन की न आई
सुर बदले कैसे-कैसे देखो क़िस्मत की शहनाई
फूल चमन से ऐसे निकला फूल न हो कोई धूल हो जैसे
फूल चमन से ऐसे निकला फूल न हो कोई धूल हो जैसे
दी भी सज़ा तो ऐसी सज़ा दी फूल का खिलना भूल हो जैसे
जितना संभल के पाँव उठाया उतनी ही ठोकर खाई
सुर बदले कैसे-कैसे देखो क़िस्मत की शहनाई
सुर बदले कैसे-कैसे देखो क़िस्मत की शहनाई