तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
पैरों की थकन कहती है ठहर
मुश्किल है डगर, लंबा है सफ़र
पैरों की थकन कहती है ठहर
मुश्किल है डगर, लंबा है सफ़र
पर दिल कहता है गर्दिश भी आख़िर तो कही पहुँचाएगी
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
हैरत से ना तुम देखो मुझको और हाल भी मेरा मत पूछो
हैरत से ना तुम देखो मुझको और हाल भी मेरा मत पूछो
अब मेरी तबीयत बातो से कुछ भी ना बहलने पाएगी
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही