तू मेरे सामने है
तेरी ज़ुल्फ़ें हैं खुली
तेरा आँचल है ढला
मैं भले होश में कैसे रहूँ
तू मेरे सामने है
तेरी ज़ुल्फ़ें हैं खुली
तेरा आँचल है ढला
मैं भले होश में कैसे रहूँ
तू मेरे सामने है
तेरी आँखें तो छलकते हुए पैमाने हैं
और तेरे होंठ लरजते हुए मैखाने हैं
मेरे अरमान इसी बात पे दीवाने है
मैं भला होश में कैसे रहूँ कैसे रहूँ
तू मेरे सामने है
तू जो हँसती है तो बिजली सी चमक जाती है
तेरी साँसों से ग़ुलाबों की महक आती है
तू जो चलती है तो कुदरत भी बहक जाती है
मैं भला होश में कैसे रहूँ कैसे रहूँ
तू मेरे सामने है
तेरी ज़ुल्फ़ें हैं खुली
तेरा आँचल है ढला
मैं भले होश में कैसे रहूँ
तू मेरे