आज फ़ुरकत का ख्वाब टूट गया
मिल गये तुम हिजाब टूट गया
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे रे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
खो गये हुस्न की बहारों में
कह दिया राज़-ए-दिल इशारों में
काम हम बेमिसाल कर बैठे
काम हम बेमिसाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
कितने मजबूर हो गये दिल से
कितने मजबूर हो गये दिल से
सोचे समझे बगैर क़ातिल से
सोचे समझे बगैर क़ातिल से
ज़िन्दगी का सवाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे रे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
ये अदाएं ये शोखियां तौबा
बस खुदा ही खुदा है उस दिल का
जो तुम्हारा खयाल कर बैठे
जो तुम्हारा खयाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
आ आ आ आ आ आ
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे