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Waqt Se Din Aur Raat Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 4:13
Written by: Ravi, Sahir Ludhianvi




Mohammed Rafi - Waqt Se Din Aur Raat Lyrics
Official




कल जहां बसती थी खुशियाँ
आज है मातम वहां
वक़्त लाया था बहारे
वक़्त लाया हे फ़िज़ा

वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त की गर्दिश से हे
चाँद तारो का मिज़ाज
वक़्त की गर्दिश से हे
चाँद तारो का मिज़ाज
वक़्त की ठोकर में है
क्या हुकूमत का समाज
क्या हुकूमत का समाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त की पाबन्द हैं
आति जाति रौनके
वक़्त की पाबन्द हैं
आति जाति रौनके
वक़्त है फूलों की सेज
वक़्त है काँटों का ताज
वक़्त है काँटों का ताज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी
वक़्त का बदले मिजाज़
वक़्त का बदले मिजाज़
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
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कल जहां बसती थी खुशियाँ
आज है मातम वहां
वक़्त लाया था बहारे
वक़्त लाया हे फ़िज़ा

वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त की गर्दिश से हे
चाँद तारो का मिज़ाज
वक़्त की गर्दिश से हे
चाँद तारो का मिज़ाज
वक़्त की ठोकर में है
क्या हुकूमत का समाज
क्या हुकूमत का समाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त की पाबन्द हैं
आति जाति रौनके
वक़्त की पाबन्द हैं
आति जाति रौनके
वक़्त है फूलों की सेज
वक़्त है काँटों का ताज
वक़्त है काँटों का ताज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी
वक़्त का बदले मिजाज़
वक़्त का बदले मिजाज़
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
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Writer: Ravi, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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