वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये
जलदी मे जलदी मे लिपिस्टिक भूल गये
रूमाल पुराना छोड़ गये
जलदी मे लिपिस्टिक भूल गये
रूमाल पुराना छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
आशिक़ जो हुए थे हम उनपर
दिन-रात लगाते थे चक्कर
दिन-रात लगाते थे चक्कर
सब कुछ तो बताया हम ने मगर
पिट जाने का क़िस्सा छोड़ गये
सब कुछ तो बताया हम ने मगर
पिट जाने का क़िस्सा छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
आह आ आ आ आ आ आ आ
मुफ़लिस थे जनाब-ए-मजनूँ भी
सुनते हैं जब उनकी मौत आई
पाकिट से न निकली इक पाई
लैल का वो कुत्ता छोड़ गये
पाकिट से न निकली इक पाई
लैल का वो कुत्ता छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
आह आ आ आ आह आ आ आ आह आ आ आ
तलवार दिखा कर हम ने कहा
करती हो हमें तुम क्यों रुसवा
सुन लोगी किसी दिन मुरली-धर
इस इश्क़ में दुनिया छोड़ गये
सुन लोगी किसी दिन मुरली-धर
इस इश्क़ में दुनिया छोड़ गये
वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये