यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
सब अपनी उड़ाए यह जान ना पाए
कब किसकी चढ़े किसकी कट जाए
यह है किसको पता रुख बदले हवा
और डोर इधर से उधर हट जाए
हो वो डोर या कमान या ज़मीन आसमान
कोई जाने ना बनाने वाला कौन है
यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
उड़े अकड़ अकड़ धनवालो की पतंग
सदा देखा है ग़रीब से ही पेंच लड़े
है गुरूर का हुजूर सर नीचा सदा
जो भी जितना उठाए उसे उतनी पड़े
किस बात का गुमान भला करे इंसान
जब जाने ना बनाने वाला कौन है
यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
यह दुनिया पतंग, नित बदले यह रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है