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Mohammed Rafi - Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye Lyrics



Mohammed Rafi - Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye Lyrics
Official




ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तकदीर संवर जाये तो अच्छा

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैं हाय
जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैं
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा

दुनिया की निगाहों में भला क्या हैं बुरा क्या
दुनिया की निगाहों में भला क्या हैं बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा

वैसे तो तुम ही ने मुझे बरबाद किया हैं होय
वैसे तो तुम ही ने मुझे बरबाद किया हैं
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा
ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
बिखर जाए तो अच्छा
बिखर जाए तो अच्छा
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ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तकदीर संवर जाये तो अच्छा

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैं हाय
जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैं
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा

दुनिया की निगाहों में भला क्या हैं बुरा क्या
दुनिया की निगाहों में भला क्या हैं बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा

वैसे तो तुम ही ने मुझे बरबाद किया हैं होय
वैसे तो तुम ही ने मुझे बरबाद किया हैं
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा
ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
बिखर जाए तो अच्छा
बिखर जाए तो अच्छा
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Writer: Ravi, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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