ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे
ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे
ज़मीं खा गई आसमान कैसे कैसे
ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे
पले थे जो कल रंग में फूल में
कही खो गए राह की धूल मै
पले थे जो कल रंग में फूल में
कही खो गए राह की धूल मै
हुए दरबदर कारवां कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे
ज़मीं खा गई आसमान कैसे कैसे
ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे
हज़ारो के तन जैसे शिशे हो चुर
जला धुप में कितनी आँखों का नूर
हज़ारो के तन जैसे शिशे हो चुर
जला धुप में कितनी आँखों का नूर
ही चहरे पे गम के निशाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे
ज़मीं खा गई आसमान कैसे कैसे
ज़माने ने मारे जवान कैसे कैसे