[ Featuring Pina Colada Blues ]
तू जो रहे, या ना रहे, कल. सपने सब नाम तेरे
पन्नो पे स्याही से हम,सूखे हुए, मिटने लगे
बिखरे हुए, बातों में हम, खुद को यूँ खोते चले
खो जाये खुशबू जैसे फूलो के शाखो पे
बारिश की पहली बूँद तू, मेरी रूह में, छन सी गिरे यूँ
मिलके वो यादों से तेरी, बुझती रहे, जलती रहे क्यूँ
लॉ सी जले, जल्के बुझे, तू, ना जाने हुआ क्या है
लपटों में जल्के जैसे, राख हुए, खोने लगे
दहके हुये पत्तो से हम जाने ये कहा पहुंचे
बिछड़े हो मिलके जैसे राहे तो राहों के
राहत भी साँसों को मिली, पर आहटें, तेरी रही यूँ,
सपनों में तेरे ही दिए, बुझते रहे, जलते रहे क्यूँ