दर्द करने लगा हैं इल्तजाएं
ढून्ढ करके कहीं से तुझको लाएं
क्यूँ जुदा हो गई हैं अपनी राहें
जाने किसकी लगी बददुवाएं
लापता दिल, पूछता है, तू कहा है
ख़ुदारा आकर आकर
परेशां दिल पर, दिल पर
रहम कर, मिल कर, मिल कर, मोहब्बत में
ख़ुदारा आकर आकर
परेशां दिल पर, दिल पर
रहम कर मिल कर, मिल कर, मोहब्बत में
सुबह से रात तक मैं तुझी को ढूंढता हु
नहीं आती हैं नींदें
बस आँखे मूँदता हूँ
तेरे आने का लालच
में दिल को दे चूका हूँ
इसी हफ़्ते मिलोगी
में ये भी कह चूका हूँ
लौट आ दिल, मेहरबानी, मांगता है
ख़ुदारा आकर आकर
परेशां दिल पर, दिल पर
रहम कर, मिल कर, मिल कर, मोहब्बत में
ख़ुदारा आकर आकर
परेशां दिल पर, दिल पर
रहम कर मिल कर, मिल कर मोहब्बत में
चाँद मेरे लौट आ ढूंढे दिल का आसमां
देखूं तेरा रास्ता मेहरबां
दिल बेचारा बेज़ुबाँ
पूछता है तू कहाँ
दर्द कर दे कम ज़रा
मेहरबान ख़ुदारा आकर