सच कहूँ की नहीं
ये है मसला
झूठी तारीफें न हो जाए, इत्तल्लाह
झूठ तो नहीं बोलती
ये आँखें मेरी
देख लो, तो यकीन
हो जाएगा
क्या ये दिल है सोचता
जब वो मानता तुम्हे
हर दुआ का जवाब
ख़्वाबों मैं तुम्हे ढूंढता
रहता है मेरा ख़याल
हर ख़याल, मेरा
देखा है तूने जहां
मुझसे भी क्या है छुपा
पर जो मेरी आँखों मै
एक सच है लिखा
बहता है जब तू कहे
की ये तारीफ़ें नहीं
मीठे से झूठ ये लगे
है लव्ज़ों के ताज
नाना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
नाना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
हा हा हा हा
नाना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
मीठे से झूठ ये नहीं
सच ही है यार
सच कहूँ की नहीं
ये है मसला
झूठी तारीफें न हो जाए, इत्तल्लाह
क्यों होता है, ये एहसास
जो भी हुआ, खो जाएगा
क्यों होता है, ये एहसास
जो भी मिला, खो जाएगा
क्यों होता है
क्यों होता है
क्यों होता है, ये एहसास
क्यों होता है
क्यों होता है
क्यों होता है, ये एहसास