ट्रु तू रु तू रु ट्रु तू रु तू
ट्रु तू रु तू रु तू रु...
शाम की प्याली
साथ थी हुमारी
वो साथ चलना लड़खड़ा कर सम्भालना
हौले से तेरा वो लंबी सांसीएन भरना
मुश्कुरा क यूँ पॅल्को को झपकना
फिर मेरा यूँ बस इंतज़ार क्रना
क कब मई ये काहु
क कब मई ये काहु
कहो ना ई लोवे योउ
कह दिया मैने तुम भी कहो...
वो बोली ई लोवे योउ
कह दिया मैने तुम ये सुनो
ट्रु तू रु तू रु ट्रु तू रु तू
ट्रु तू रु तू रु तू रु...
हन कभी कभी मुझसे
यूँ ही रूठ जाना
बेवजह की वजह को बीच माइयन लाना
हन कभी कभी मुझसे
यूँ ही रूठ जाना
बेवजह की वजह को बीच माइयन लाना
क्या दिन थे वो जब लिखा था ये गणना
जब तेरे लिए सीखा तुणटूना बजाना
क तुझसे मिल साकु
ओर ये मई कह साकु
कहो ना ई लोवे योउ
कह दिया मैने तुम भी कहो...
वो बोली ई लोवे योउ कह दिया मैने तुम ये सुनो
कहो ना ई लोवे योउ
कह दिया मैने तुम भी कहो...
वो बोली ई लोवे योउ कह दिया मैने तुम ये सुनो