[ Featuring ]
ओ राजाजी
ओ महाराजा जी
नैना चुगल खोर राजाजी
ओ महाराजा जी
नैना चुगल खोर राजाजी
मन की रूनझुन चूप ना पाये ए ए
मन की रूनझुन चूप ना पाये
खनक खनक खनके नैना
बडी अजब है रीत प्रीत की
बिन बोले सब कुछ कहना
कुनखुनी सी धूप बिखरी
कुनखुनी सी धूप बिखरी जाये रे मनवा कुहू कुहू बौराये रे
ओ राजाजी
नैना चुगल खोर राजाजी
ओ महाराजा जी
नैना है चितचोर राजाजी
राजाजी राजाजी राजाजी
महाराजा जी
शिन्दूर घोर नही ओरे चूर
बांधे कैसे ये डोर
धडकन मै ताल सपने गुलाल
ये कैसा हाल राजाजी राजाजी
ओ राजाजी
तेरा ध्यान भी छैल छबिला
तेरा ध्यान भी छैल छबिला
लचक मचक के आये रे
मन खुद से ही बाते करके
मन ही मन मुस्काये रे
हो कूनकुणी सी धूप बिकरी हाये
कूनकुणी सी धूप बिकरी
जाये रे मनवा कुहू बौराये रे
ओ राजाजी, नैना चुगल खोर राजाजी
ओ महाराजा जी, नैना है चुगल खोर राजाजी
हो मन अंगना कोई आया
शीतल छैयान बन छैया
एक चंचल, नदिया को रासतो से मिलाया
हो एक बेहती हवा ने कानो मै कहना सिखा
कलकल जलने एक पल रुक के रहना सिखा
हो पगडंडी को रस्ते मिल गये
धीरे धीरे राहे नये खुलती जाये रे
ओ राजाजी, महाराजा जी
राजाजी, राजाजी नैना चुगल खोर राजाजी
नैना है चितचोर राजाजी
ह्म ह्म ह्म राजाजी