दिल ये मेरा हर पल, तुमको ही चाहता है
दिल ये मेरा हर पल, तुमको ही चाहता है
मैं क्या करूँ मेरा मन, तुमको ही पूजता है
ज़िंदगी छू के मुझे तू कब गई
जान लेकर जीने को तू कह गई
समझो ना क्यों, मुझको तुम अपना
मेरा क्या है सब कुछ, है ये आपका
अब दिल से मेरे, आ रही है सदा
रब दे वो सज़ा, बदले में हो वफा
मेरी पनाहो में, आओ तुम बाहों में
जाओगे तुम कहाँ, दूर दिल की राहों से
दिल ये मेरा हर पल, तुमको ही चाहता है
दिल ये मेरा हर पल, तुमको ही चाहता है
मैं क्या करूँ मेरा मन, तुमको ही पूजता है
ज़िंदगी छू के मुझे तू कब गई
जान लेकर जीने को तू कह गई