देखो ये दिल का हाल क्या
होठों से होता न बयान
मेरी ये आँखों में
आँखों में तो देखो
देखो देखो कैसी बातें यहां की
है साथ पर
है साथ न भी
क्या इतनी आसान है
देखो देखो जैसे मेरे इरादे
वैसे कहां
तेरे यहां थे
हाँ कितनी नादान मैं
मेरे हुस्न के इलावा
कभी दिल भी मांग लो ना
हाये, पल में
मैं पिघल जाऊं हाँ
अब ऐसा न करो
के दिल जुड़ना पाए वापिस
तेरी बातों
से बिखर जाऊं हाँ
माना ज़माना है दीवाना
इसी लिए तूने ना जाना
तेरे लिए मैं काफी हूँ
देखो देखो ये ज़माने से थक कर
आते हो क्यों मासूम बन कर
तेरे लिए मैं क्या ही हूँ
आ फिर आते क्यों यहाँ
करने आँखों में हो बारिश
अब आए तो ठहर जाओ न
और पूछो न ज़रा
मेरे दिन के बारे में भी
बस इतने में संभल जाऊं हाँ
हाँ एक दिन कभी कोई
जब भी पढ़े कहानी तेरी
लगता मुझे मेरे नाम का
ज़िक्र कहीं भी होगा नहीं
हाँ मैं यहीं
मेरी ये आँखों में
आँखों में तो देखो
देखो ये दिल का हाल क्या
होठों से होता न बयान
मेरी ये आँखों में
आँखों में तो देखो
कैसा नसीब है मेरा
मिलके भी ना मुझे मिला
मेरी ये आँखों में
आँखों में तो देखो
तेरी अधूरी सी वफा
मांगूं मैं मांगूं और ना
मेरी ये आँखों में
आँखों में तो देखो
देखो ये दिल का हाल क्या
होठों से होता न बयान
मेरी ये आँखों में
आँखों में तो देखो
देखो-देखो, कैसी खींची लकीरें, चाहे भी दिल तो भी ना जीते
मैं इस दौड़ में नहीं
देखो-देखो, कैसी बातें यहाँ की, बातें यही देखूँ जहाँ भी
मैं इस दौर से नहीं