दिल हैं तन्हा और लंबा सफ़र
आएगी आएगी मंज़िल जब होगी सहर
पास मेरे खुशिया हर पल
चलता हू राहो पे होके बेख़बर
आ रहा हू मैं लिए ख्वाबों का अंबर
चल ज़िंदगी बनके मेरा हमसफ़र
रुकना नही कहीं
दिल हैं तन्हा और लंबा सफ़र
आएगी आएगी मंज़िल जब होगी सहर
गा रही हैं शाम, गा रहा है मंज़र
गा रहा हैं दिल, जिसमे तेरी धड़कन
आ रहा हू मैं लिए ख्वाबों का अंबर
चल ज़िंदगी बनके मेरा हमसफ़र
रुकना नही कहीं
दिल हैं तन्हा और लंबा सफ़र
आएगी आएगी मंज़िल जब होगी सहर
होंठो पे अरमान, आँखों में एक पल
जाएगी जाएगी ये रात अब होगी सहेर
होगी सहेर