कैसे कहु मैं तुमसा कोई
कोई ना है
तेरे आस पास रहु
दिल वीरां है
जज़्बात मेरे सभी
तू ही जाने
जितना भी देखु
दिल भर ना पाए
कैसा समा है
हम तुम यहाँ हैं
ज़ाहिर करू क्या हैं जो
मेरे इरादे
तेरे हवाले मैं
किसी बहाने ज़ाहिर करू क्या हैं जो मेरे इरादे
मेरे, मेरे इरादे
मेरे, मेरे इरादे