Rover on the mic
हक़ीकत की beat पर
थोड़े कहानी सुनो क्या हा
जो छोड़ के गये
दिल तोड़ के गये
कुछ करते नही
सिर्फ़ बोलते रहे हा
लोग वो पुराने
धोखे नये
आसू ये तकिये को धोते गये
अब कुछ भी नही इन बातों में
साथ देना छोड़ दिया दूरसे के साथ होने
इरादों में कुछ भी नही ग़लत था
फिर भी ये साथ देना छोड़ दिया
दिल के जज़्बातों ने
रातें गयी, अब वो बातें गयी
सिर्फ़ चाँद मेरे उपर सितारे नही हा
आँखों में सूरत, नज़ारे नही
बगल में ही बैठे पर साथ में नही
जो भी बोलू मैं करू मैं यादें वो लौटा दे
दोस्तों में चालू तो पास कर ना जोता दे
शटर पे ठक ठक रात में एक छोटा से
सीने में धक धक एक मुझको मौका दे
मुसाफिर भटका हू राहों पे राहों पे
बंद क्यू सारे रास्ते सारे रास्ते
छोड़ कर भी मेरे साथ को साथ को
रहती क्यू है वो साथ में
हा मुसाफिर हू मैं
जो साथ में थी पहले अब वो साथ में नही है हा
चलो
भेजा था जो
आ गया वापस वो आसमान को छूकर
अब कुछ ना कहो
अंदर से मुकर के सुन लूँगा मूह पर
हिफ़ाज़त तेरी, इबादत मेरी
कुछ कहने की अब और ताक़त नही
कुछ सहने की अब और हालत नही
सह रहा ये हवा हरारत में भी
कहते सब कर्मा है
खुद ही संभालना है
झट-पट्ट से लड़ भीड़ के आगे अब चलना है
गट-गट के बोतल से घाव नही भरता है
दोस्तों के कंधों से काम नही चलता है
साथ मेरे सब हैं पर ख़ालीपन लगता है
ख़ास मेरे अपने वो कमी ना भर पाए
भीड़ के वो धक्के यहाँ मुझे ले आए
रहमत ये रब से वो भीड़ में ही मिल जाते
जो भी बोलू मैं करू मैं यादें वो लौटा दे
दोस्तों में चालू तो पास कर ना जोता दे
शटर पे ठक ठक रात में एक छोटा से
सीने में धक धक एक मुझको मौका दे
बोलू मैं करू मैं यादें वो लौटा दे
दोस्तों में चालू तो पास कर ना जोता दे
शटर पे ठक ठक रात में एक छोटा से
सीने में धक धक एक मुझको मौका दे
मुसाफिर भटका हू राहों पे राहों पे
बंद क्यू सारे रास्ते सारे रास्ते
छोड़ कर भी मेरे साथ को क्या
रहती क्यू है वो साथ में
ओ मुसाफिर भटका हू राहों पे राहों पे
बंद क्यू सारे रास्ते सारे रास्ते
छोड़ कर भी मेरे साथ को
रहती क्यू है वो साथ में
राहों पे
Rover on the mic
हक़ीकत की beat पर