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Sai Aashish - Peer Ki Chadar Sai Sufi Poetry Lyrics



Sai Aashish - Peer Ki Chadar Sai Sufi Poetry Lyrics




पिरोदो अपने ख्वाबो को
जज़्बात को लो बना धागा करो कढ़ाई मेरे भाई
चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
हो उजाला आँखों में हर धड़कन बने सिलाई
जज़्बात को बना के धागा करो कढ़ाई मेरे भाई

चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
हमको मिला है काम शाही
खोज लो दिल की गहराई
ऐसी बनाओ चादर चमके पीर रहनुमाई
फ़रिश्तो साथ दो मेरा करलो नेक कमाई
चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई

फटे पुराने कपड़ो में लाखो के दर्द छिपाए
उन्ही कपड़ो मैं ही तो कितने झख्म उठाये
नयी चादर को पेश करने की वो रात आज आई
चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
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पिरोदो अपने ख्वाबो को
जज़्बात को लो बना धागा करो कढ़ाई मेरे भाई
चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
हो उजाला आँखों में हर धड़कन बने सिलाई
जज़्बात को बना के धागा करो कढ़ाई मेरे भाई

चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
हमको मिला है काम शाही
खोज लो दिल की गहराई
ऐसी बनाओ चादर चमके पीर रहनुमाई
फ़रिश्तो साथ दो मेरा करलो नेक कमाई
चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई

फटे पुराने कपड़ो में लाखो के दर्द छिपाए
उन्ही कपड़ो मैं ही तो कितने झख्म उठाये
नयी चादर को पेश करने की वो रात आज आई
चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
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Writer: ashish sharma
Copyright: Lyrics © O/B/O DistroKid

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Sai Aashish - Peer Ki Chadar Sai Sufi Poetry Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Sai Aashish
Length: 1:18
Written by: ashish sharma

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