अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले
जिस तरहा सूखे होए फूल
जिस तरहा सूखे हुवें फूल किताबों में मिले
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले
तू खुदा है ना मेरा इश्क़ फरिश्तों जैसा
तू खुदा है ना मेरा इश्क़ फरिश्तों जैसा
तू खुदा है ना मेरा इश्क़ फरिश्तों जैसा
दोनो इंसान है तो क्यूँ इतनें हिजाबों में मिले
दोनो इंसान है तो क्यूँ इतनें हिजाबों में मिले
जिस तरहा सूखे होए फूल
जिस तरहा सूखे हुवें फूल किताबों में मिले
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले
ढूंड उजड़े हुवें लोगों में वफ़ा के मोती
ढूंड उजड़े हुवें लोगों में वफ़ा के मोती
ढूंड उजड़े हुवें लोगों में वफ़ा के मोती
यह ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है खराबों में मिले
यह ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है खराबों में मिले
जिस तरहा सूखे होए फूल
जिस तरहा सूखे हुवें फूल किताबों में मिले
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले