वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया
अब उस का हाल बताये क्या (अब उस का हाल बताये क्या)
वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया (वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया)
अब उस का हाल बताये क्या (अब उस का हाल बताये क्या)
कोई मेहेर नही कोई क़हेर नही
फिर सच्चा शेर सुनाये क्या
वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया (वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया)
एक हिजर जो हमको लाहक़ है
ता-देर उसे दोहराये क्या
एक हिजर जो हमको लाहक़ है
ता-देर उसे दोहराये क्या (ता-देर उसे दोहराये क्या)
वो ज़हर जो दिल में उतार लिया
फिर उस के नाज़ उठाये क्या
वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया
अब उस का हाल बताये क्या (अब उस का हाल बताये क्या)
वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया
एक आग ग़म-ए-तन्हाई की
जो सारे बदन में फैल गयी
एक आग ग़म-ए-तन्हाई की
जो सारे बदन में फैल गयी
जब जिस्म ही सारा जलता हो
फिर दामन-ए-दिल को बचाये क्या
वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया
अब उस का हाल बताये क्या (अब उस का हाल बताये क्या)
कोई मेहेर नही कोई क़हेर नही
फिर सच्चा शेर सुनाये क्या
वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया