पहली बारिश की वो बूंदे
जिसे छूकर तुमने मोहब्बत की
पहली बारिश की वो बूंदे
जिसे छूकर तुमने मोहब्बत की
तेरे होंठो की वो बातें
जिसे सुनकर मैंने मोहब्बत की
तेरा हूं मै ये जान ले
बस थोड़े से है फासले
जितना मै चाहता हूं तुम्हे
कोई और ना चाह सकेगा
प्यार जितना मै करता हूं
कोई और ना कर पाएगा
जितना मै चाहता हूं तुम्हे
कोई और ना चाह सकेगा
प्यार जितना मै करता हूं
कोई और ना कर पाएगा
यूं तो कई आशिक़ मिलेंगे तुझको वहां
पर मेरे जैसा फिर ना मिलेगा कोई यहॉं
ओ ओ वैसे भी तेरे दिल में मेरा कुछ ना बचा
आंसू है या सूख गए है कुछ ना पता
तेरे पास मै आना चाहूं
तेरे दर में रोना चाहूं
बस तेरा होना चाहूं माहिया
दूर भले मुझसे हो तुम
पर तेरी सांसों से जी रहा
जितना मै चाहता हूं तुम्हे
कोई और ना चाह सकेगा
प्यार जितना मै करता हूं
कोई और ना कर पाएगा
जितना मै चाहता हूं तुम्हे
कोई और ना चाह सकेगा
प्यार जितना मै करता हूं
कोई और ना कर पाएगा
तू ना मिला तो क्या हुआ
अगले जनम तो मिल जाएगा