तसवीर की ताराह है
ये जो खुशनसीब लमहे
चाहत मे घुल गइ है
मेरे दिल के करीब लम्हे
कोइ बात मुजसे केहते हो जब तुम(जब तुम)
बेचैन मुजमे रहते हो जब तुम(येह येह)
मेरे लबो पे हस्ते हो जब तुम(जब तुम)
मेरी साँसों में पिघलते हो जब तुम
जब तुम जब तुम जब तुम
पा रा रा रा पा रा रा रा
मद्धम हवा ने फूलो से
खुशबु चुराई है
परदे हटा के रोशनी
खिड़की से आयी है
कागज़ पे प्यार लिखते हो जब तुम
मुज से छिपाने लगते हो जब तुम हो
रातों में मेरी जगते हो जब तुम(जब तुम)
मेरी यादों से लिपट ते हो जब तुम
जब तुम जब तुम जब तुम
तुमने मुजसे मांग ली मेरी ये जिंदगी
अब तो अपनी याद में आती नहीं कहीं
आहिस्ता से पास आते हो जब तुम (जब तुम)
फिर बेवजह मुस्कुराते हो जब तुम
मुझे मुजसे ही चुरा ते हो जब तुम
मेरी आँखों में डूब जाते जब तुम
जब तुम जब तुम जब तुम
जब तुम ओ जब तुम जब तुम ओ
जब तुम