शाम कई
बीत गयी
याद नही आई
आज ऐसा
क्या हुआ
आँख जो भर आई
शाम कई
बीत गयी
याद नही आई
आज ऐसा
क्या हुआ
आँख जो भर आई
दिल में एक अजीब सा
एहसास जागा है
चेहरा मेरी आँखों में
फिर से तेरा आया है
दूर
है मुझसे तू
पास
है क्यूँ नही
गम नही
है कोई
संग रहना पाए
तू खुश है
सोचके ही
दिल ये संभाल जाए
ज़िंदगी में बिखरे से
कई हिस्से आते हैं
खुशियाँ तेरी यादों से
नये किससे लाती हैं
दूर
है मुझसे तू
पास
है क्यूँ नही
दूर
है मुझसे तू
पास
है क्यूँ नही