Back to Top

Chakkar Chakkar Video (MV)




Performed By: Sukhwinder Singh
Featuring: Keerthi Sagathia
Length: 4:10
Written by: GULZAR, SUKHWINDER SINGH




Sukhwinder Singh - Chakkar Chakkar Lyrics
Official




[ Featuring Keerthi Sagathia ]

चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का आ आ आ
अरे चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का
अरे चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का
धूप चला मैं पाओं मेरे छाला ठंडी छाओ का
चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
घर आए सवेरे घर आए वो जो मेरे थे मेरे घर आए
कहाँ भूला था तेरे दरवाज़े ए ए ए ए ए
कोई कुण्डी थी ना कोई निशानी (निशानी)
मन तो केहता था, मैं ने नही मानी (नही मानी)
चार हाथ को यह उम्र गुज़ार दी
सुन मेरे मौला, सुन मेरे मौला
तू ना आया तो नही आ, तेरे घर जाना (घर जाना)
औ औ औ औ औ औ औ औ

अरे चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाऊँ का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का
धूप जला वे पाऊँ मेरे छाला ठंडी छाओ का
चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का

बाबुल की छुरी खाए ना पूरी बाबुल की छुरी खाए ना पूरी (है है है है है है है है)
खाए उ पूगीया नु उड़ाना पे या खाए उ पूगीया नु उड़ाना पे या (है है है है है है है है)
स्वर्गा दा छासी स्वर्गा नू जाना खाए ओ आपे सानू मरना पया (है है है है है है है है)
खाए नू पूगीया नु उड़ाना पे या (है है है है है है है है)

कारी कारी झूट से कारी रात कटी तन्हाई की
उस की लट से भी लंबी थी मेरी रात जुदाई की
अरे कारी कारी झूट से कारी रात कटी तन्हाई की
उस की लट से भी लंबी थी मेरी रात जुदाई की
घर आए सवेरे, घर आए वो जो मेरे थे, मेरे घर आए
कहाँ भूला था तेरे दरवाज़े
कोई कुण्डी थी ना कोई निशानी (निशानी)
मन तो केहता था, मैं ने नही मानी (मैं ने नही मानी)
चार हाथ को यह उम्र गुज़ार दी
सुन मेरे मौला, सुन मेरे मौला
तू ना आया तो नही आ, तेरे घर जाना, जाना (घर जाना)

चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का (चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का)
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का (यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का)
चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का (चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का)
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का (यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का)
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का आ आ आ
अरे चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का
अरे चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का
धूप चला मैं पाओं मेरे छाला ठंडी छाओ का
चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का
घर आए सवेरे घर आए वो जो मेरे थे मेरे घर आए
कहाँ भूला था तेरे दरवाज़े ए ए ए ए ए
कोई कुण्डी थी ना कोई निशानी (निशानी)
मन तो केहता था, मैं ने नही मानी (नही मानी)
चार हाथ को यह उम्र गुज़ार दी
सुन मेरे मौला, सुन मेरे मौला
तू ना आया तो नही आ, तेरे घर जाना (घर जाना)
औ औ औ औ औ औ औ औ

अरे चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाऊँ का
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का
धूप जला वे पाऊँ मेरे छाला ठंडी छाओ का
चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का

बाबुल की छुरी खाए ना पूरी बाबुल की छुरी खाए ना पूरी (है है है है है है है है)
खाए उ पूगीया नु उड़ाना पे या खाए उ पूगीया नु उड़ाना पे या (है है है है है है है है)
स्वर्गा दा छासी स्वर्गा नू जाना खाए ओ आपे सानू मरना पया (है है है है है है है है)
खाए नू पूगीया नु उड़ाना पे या (है है है है है है है है)

कारी कारी झूट से कारी रात कटी तन्हाई की
उस की लट से भी लंबी थी मेरी रात जुदाई की
अरे कारी कारी झूट से कारी रात कटी तन्हाई की
उस की लट से भी लंबी थी मेरी रात जुदाई की
घर आए सवेरे, घर आए वो जो मेरे थे, मेरे घर आए
कहाँ भूला था तेरे दरवाज़े
कोई कुण्डी थी ना कोई निशानी (निशानी)
मन तो केहता था, मैं ने नही मानी (मैं ने नही मानी)
चार हाथ को यह उम्र गुज़ार दी
सुन मेरे मौला, सुन मेरे मौला
तू ना आया तो नही आ, तेरे घर जाना, जाना (घर जाना)

चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का (चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का)
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का (यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का)
चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का (चक्कर चक्कर गोल घुमा वे चक्कर मेरे पाओं का)
यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का (यहीं कहीं पे लगा हुवा था पत्थर मेरे गाओं का)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: GULZAR, SUKHWINDER SINGH
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC


Tags:
No tags yet